क्रोनिक किडनी डिजीज(CKD) क्या है ? किन लक्षणों के प्रति सजग रह कर इस बीमारी से बच सकते हैं?
क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD)समय के साथ धीरे धीरे बढ़ने वाली किडनी की बीमारी है, जो बढ़ने पर किडनियों को बहुत अधिक नुक्सान पहुंचा सकती है।
निम्न लिखित कुछ संकेतों और लक्षणों के प्रति सजग रह कर तथा समय पर डाक्टर से परामर्श ले कर हम (CKD) से अपनी किडनियों को सुरक्षित रख सकते हैं।
- थकान – हमेशा थकान एवं ऊर्जा की कमी महसूस करना।
- पेशाब में परिवर्तन – बार बार पेशाब आना,या कम पेशाब आना।झागदार या गहरे रंग का पेशाब आना।
- सूजन – शरीर में तरल (liquid) की अधिकता के कारण पैरों में, टखनों में तथा पंजों में सूजन आना।
- त्वचा में खुजली – रक्त प्रवाह में अपशिष्ट पदार्थ (waste) बढ़ जाने के कारण त्वचा में खुजली होना।
- उल्टी आना व जी मिचलाना – रक्त प्रवाह में अपशिष्ट पदार्थ (waste) बढ़ जाने के कारण जी मिचलाना या उल्टी आना।
- मांसपेशियों में ऐंठन होना – रक्त प्रवाह में अपशिष्ट पदार्थ (waste) बढ़ जाने के कारण मांसपेशियों में ऐंठन होना।
- सोने में परेशानी – सीकेडी से पीड़ित लोगों को रात में शरीर में तरल (liquid) की अधिकता के कारण बेचैनी या सोने में परेशानी हो सकती है।
- स्वाद में बदलाव होना एवं भूख कम लगना।
महत्वपूर्ण – यह ध्यान रखना आवश्यक है कि क्रोनिक किडनी डिजीज की शुरुआत में काफी बार कोई लक्षण महसूस नहीं होते, इसलिए किडनी के डाक्टर से नियमित परामर्श एवं उचित जांच महत्वपूर्ण है ताकि बीमारी का जल्द पता लगाया जा सके और इसे बढ़ने से रोका जा सके।